चलो 75वाँ पंद्रह अगस्त धूम से मचाते हैं,
तिरंगे को सर्वोच्च शिखर पर फहराकर,
हम सब अमिट संकल्प एक जुट होकर खाते हैं ,
राष्ट्र ध्वज का मान बढ़ा, एकता का पंचम लहराएँ।
आओ इस अमृतमहोत्सव को सफल बनाएँ,
हर गली, मोहल्ले, घर-आंगन तिरंगा लहराएँ।
अग्निपथ चल व सद्कर्म से विश्व में नाम कमाएँ,
देशभक्ति,शांति-संदेश, प्रेम परिमल चहुॅंदिशा फैलाएँ।
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती,
हुनर की खासियत यहाँ, जहाँ कई धर्म व जाति।
बलिदान, शांति,खुशी-प्रेम तिरंगा देता है संदेश
परोपकार ही परम धर्म मानवता का धर्म विशेष।
अर्चना सिंह जया
इंदिरापुरम गाजियाबाद
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