ब्लॉग आर्काइव

शनिवार, 16 दिसंबर 2023

चूहा और बिल्ली

 


चूहा बिल से बाहर आया 

देखा बिल्ली को घबराया


बिल्ली बोली खाऊंगी मैं 

अपनी भूख मिटाउंगी मैं 


चूहा बोला मैं बच्चा हूं 

अभी अकल का मैं कच्चा हूं 


मेरा पीछा छोड़ो तुम अब

अपना रास्ता मोड़ो तुम अब


 बिल्ली बोली ना जाऊंगी

 अभी मार कर तुझे खाऊंगी


 चूहा बोला दिल्ली जाओ

मन भर दूध मलाई खाओ 


बिल्ली बोली बहकाते हो

क्यूं मुझको मूर्ख बनाते हो


चूहा बोला अच्छी हो तुम

प्यारी मेरी मौसी हो तुम


संकट बहुत बड़ा है देखो

पीछे कौन खड़ा है देखो


बिल्ली मुड़कर पीछे आई

तो चूहे ने दौड़ लगाई


बच्चो तुम भी मत घबराना

मिटेगा संकट जुगत लगाना



डॉक्टर राम गोपाल भारतीय 

वरिष्ठ साहित्यकार 

शीलकुंज, मोदीपुरम, मेरठ 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें