चूहा बिल से बाहर आया
देखा बिल्ली को घबराया
बिल्ली बोली खाऊंगी मैं
अपनी भूख मिटाउंगी मैं
चूहा बोला मैं बच्चा हूं
अभी अकल का मैं कच्चा हूं
मेरा पीछा छोड़ो तुम अब
अपना रास्ता मोड़ो तुम अब
बिल्ली बोली ना जाऊंगी
अभी मार कर तुझे खाऊंगी
चूहा बोला दिल्ली जाओ
मन भर दूध मलाई खाओ
बिल्ली बोली बहकाते हो
क्यूं मुझको मूर्ख बनाते हो
चूहा बोला अच्छी हो तुम
प्यारी मेरी मौसी हो तुम
संकट बहुत बड़ा है देखो
पीछे कौन खड़ा है देखो
बिल्ली मुड़कर पीछे आई
तो चूहे ने दौड़ लगाई
बच्चो तुम भी मत घबराना
मिटेगा संकट जुगत लगाना
डॉक्टर राम गोपाल भारतीय
वरिष्ठ साहित्यकार
शीलकुंज, मोदीपुरम, मेरठ
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