बने हेड मास्टर भालू जी, हिंदी अध्यापक हाथी।
बड़े प्रेम से पढ़ते सारे, बन कर रहते सब साथी।।
एक तरफ बैठे हैं पक्षी, एक तरफ चूहा बिल्ली।
जब–जब पुस्तक कुतरे चूहा, उड़ जाती उसकी खिल्ली।।
भीई
देखो उल्लू चश्मा पहने,अनुशासन समझाता है।
नियम तोड़ते गर पशु–पक्षी, उनको सजा सुनाता है।।
शांत बैठते गिल्लू चींटी, प्यार सभी से करते हैं।
शेर दहाड़े जब जोरो से, जंगल वासी डरते हैं।।
नीलगाय अरु बंदर कछुआ, इनकी रहती है टोली।
मैना तोता कोयल बुलबुल, मीठी सी इनकी बोली।।
खेल खेलते हैं आपस में, मिलकर धूम मचाते हैं।
छोटे–छोटे कीट पतंगे, उड़ कर नाच दिखाते हैं।।
मानव जैसा भेद न करते, बनकर रहते हैं सच्चे।
सीखो अच्छी बातें इनसे, बन जाओ अच्छे बच्चे।।
//रचनाकार//
प्रिया देवांगन "प्रियू"
राजिम
जिला - गरियाबंद
छत्तीसगढ़
Priyadewangan1997@gmail.com
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