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गुरुवार, 26 अक्टूबर 2017

मंजू श्रीवास्तव की रचना। बन्दर मामा पहन पजामा


बन्दर मामा पहन पाजामा,
दावत खाने आये,
ढीला कुरता, लम्बा मोजा
पहन बहुत इतराये।

पीछे पीछे उसके देखो
 बन्दरिया चली आई,
रंग बिरंगा लहंगा चोली,
पहन बहुत इठलाई।

चूहे राजा सूट पहनकर,
मानो बन गये जेन्टलमेन,
चुहिया रानी फ्रॉक पहनकर,
मानो बन गई अंग्रेजी मेम।

बिल्ली मौसी सजधज कर,
महरानी जैसी बनकर आई
म्याऊँ म्याऊँ करती करती,
मटक मटक कर चली आई।

आखिर मे भालू चाचा ने सबको,
नाच नाच कर खूब हँसाया।
सबने मिलकर दावत खाई,
और दावत का आनन्द उठाया।



                           मंजू श्रीवास्तव हरिद्वार

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