छोटे छोटे बच्चे हैं हम , मिलजुल कर सब रहते हैं ।
खेल खेल में भले झगड़ ले , भेदभाव नहीं करते हैं ।
पढ़ लिखकर विद्वान बनेंगे, नया इतिहास रचायेंगे ।
नये नये सृजन कर हम , भारत को स्वर्ग बनायेंगे ।
छोटे हैं तो क्या हुआ, हममें भी समझदारी है ।
भारत माता के प्रति, हममें भी जिम्मेदारी है ।
नहीं झुकने देंगे तिरंगा, चाहे जो कुछ हो जाये ।
अड़े रहेंगे अपनी जगह पर, चाहे तूफान आ जाये।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया (कवर्धा )
छत्तीसगढ़
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