ब्लॉग आर्काइव

गुरुवार, 16 नवंबर 2017

प्रिया देवांगन "प्रियू" की रचना : बचपन






छोटे छोटे बच्चे हैं हम , मिलजुल कर सब रहते हैं ।

खेल खेल में भले झगड़ ले , भेदभाव नहीं करते हैं ।

पढ़ लिखकर विद्वान बनेंगे, नया इतिहास रचायेंगे ।

नये नये सृजन कर हम , भारत को स्वर्ग बनायेंगे ।

छोटे हैं तो क्या हुआ, हममें भी समझदारी है ।

भारत माता के प्रति, हममें भी जिम्मेदारी है ।

नहीं झुकने देंगे तिरंगा, चाहे जो कुछ हो जाये ।

अड़े रहेंगे अपनी जगह पर, चाहे तूफान आ जाये।




                            प्रिया देवांगन "प्रियू"

                           पंडरिया  (कवर्धा )

                           छत्तीसगढ़ 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें