मेरे घर मे जो सबसे बुजुर्ग इन्सान दिखाई देतें हैं वो मेरे प्यारे दादा जी हैं। घर मे जो मुझे बहुत प्यार करते हैं वो मेरे दादा जी ही हैं। स्कूल से जब मै घर वापस आता हूँ तो चुपके से मुझे कोई न कोई खाने की चीज जैसे टाफी, चॉकलेट तो कभी-कभी चिप्स का पैकेट आदि देते रहते हैं। मेरी माँ मुझे इस बात के लिए मना करती हैं यहाँ तक दादाजी की इस हरकत पर नाराज भी होती है तो भी वे भगवान के प्रसाद के रूप में मीठे इलाइची दाने मेरे हाथ पर रख देते हैं। अब कोई भगवान के प्रसाद को मना भी कैसे करे। मेरे प्यारे दादा जी मुझे हमेशा स्कूल के होमवर्क पूरा करने में मदद भी करते हैं।
यूँ तो दादा जी मेरे दादा जी हैं परन्तु आसपास के मेरे मित्र लोगों के भी दादाजी हैं। वे मेरी बुआ जी के बच्चों के नानाजी भी हैं।