आओ चलो
फागुन का आनंद लें।
इस होली हम
जीवन में रंग भरें।.
संग गुलाल के
रंग प्रेम का,
रंग खुशियों का,
अपनी झोली में भर लें।
तन मन में
रंग गीत का,
रंग मीत का,
फाग गाकर झूम लें।
गुलाल मल दे
बैर भूलकर,
बिन पानी के भी
चल हो लेंं गीले,
स्नेह रस जो गर पी लेंं।
प्यार से मिल
होली में देखो,
फिर से धरा आज
हरी,गुलाबी,पीली,
नीली, है देखो हो - ली।
......अर्चना सिंह
गाजियाबाद
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