आओ छुक -छुक रेल चलाएं
मीलों तक इसको दौड़ाएं
छुन्नू चालक आप बनेंगे
मुन्नू आप गार्ड बन जाएं
झंडी और व्हिसिल देकर के
सबको गाड़ी में बिठलाएँ।
आओ छुक -छुक--------------
स्टेशन स्टेशन रोकें
लाल हरे सिग्नल को देखें
चलने का सिग्नल मिलने पर
करें इशारा अंदर बैठें
फिर सरपट गाड़ी दौड़ाने
चालक को झंडी दिखलाएं।
आओ छुक - छुक--------------
दादी अम्मा बूढ़े बाबा
दौड़ नहीं सकते जो ज्यादा
उनको डिब्बे में बिठला कर
पूर्ण करें इंसानी वादा
गोलू, मोलू, चिंटू, भोलू
को टॉफी बिस्कुट खिलवाएँ।
आओ छुक-छुक---------------
दिल्ली, पटना, अमृतसर हो
जहाँ कहीं भी जिनका घर हो
उत्तर, दक्षिण, पूरव, पश्चिम
कोई छोटा-बड़ा शहर हो
भटक रहे श्रमिक अंकल को
अब उनके घर तक पहुंचाएँ
आओ छुक -छुक---------------
देख सभी का मन हर्षाया
उतरे जब स्टेशन आया
टी टी ने जब पूछा आकर
सबने अपना टिकिट दिखाया
टाटा करते सारे बच्चे
अपने अपने घर को जाएँ।
आओ छुक -छुक----------------
हम बच्चे कमज़ोर नहीं हैं
बातूनी मुंहजोर नहीं हैं
एक साथ रहते हैं फिर भी
होते बिल्कुल बोर नहीं हैं
साथ - साथ खा-पीकर हम सब
मतभेदों को दूर भगाएँ।
आओ छुक-छुक-----------------
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वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी
मुरादाबाद/उ,प्र,
9719275453
दिनांक-19/05 2020
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