मुर्गी बोली चूजों से जल्दी सब सो जाओ
ठन्ड बड़ी कड़ाके की दड़बे मे हो जाओ
झांके बाहर बच्चे सर्दी मे सुड़कें- छींकें
बोली मुर्गी मुर्गे से ठन्ड मे सब रस फींके
देर तक है सोना कल नहीं चाय बनवानी
दड़बे से बाहर निकलते ही मर जाती नानी
मै जल्दी उठू॔गा तब सुबह मिलेगी चाय
सबको मै जगाऊंगा तभी दूध देगी गाय
शरद कुमार श्रीवास्तव
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