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सोमवार, 16 जनवरी 2017

दादा जी ने पतंग उड़ाई











दादाजी ने  पतंग  उडाई
मंझा-चरखी-डोर मंगाई
दादा जी ने पतंग उड़ाई
 ग्यारह पेंच उन्होंने काटे
 इसी ख़ुशी में लड्डू बांटें











मम्मी-पापा, मौसी- ताई
 दिया सभी ने उन्हें बधाई
 दादाजी के मिले न भाव
 घूमे मूंछों पर दे, ताव।










 शादाब आलम

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