आम फलों का राजा है।
बच्चों को खूब भाता है ।
मीठी मीठी रस भरी है।
चिड़िया रस को चुहक रही है।
चू चू करके बता रही है ।
नाच नाच कर खा रही है।
इस डाल से उस डाल पर।
फुदक फुदक कर जा रही है।
बसंत राजा आ गया ।
मौसम बहार का आ गया ।
हरियाली बागो मे छाई ।
बागों में कोयल है गाई ।
मोर खुशी से नाच रही ।
तितली खुशियाँ बांट रही ।
बसंत राजा आ गया।
मौसम बहार का छा गया।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया (कवर्धा )
छत्तीसगढ़
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