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सोमवार, 26 फ़रवरी 2018

शरद कुमार श्रीवास्तव का बालगीत : घोड़े की बारात










हाथी जी निकले लेकर घोड़े की बारात

जंगल के सब जानवर बैन्ड बाजा साथ

लेकिन घोडे जी इस बात पर हैं रूठे बैठे

घोड़े पर सभी बैठते घोड़ा किस पर बैठे


हाथी जी ने अपनी मोटी अकल लगाई

कोशिश की लेकिन बात समझ न आई

बन्दर जी  ने घोड़े को थोड़ा फुसलाया

समझ मे आई तो लक्जरी कार मंगाया


                                   शरद कुमार  श्रीवास्तव 

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