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बुधवार, 6 जून 2018

कृष्ण कुमार वर्मा की कहानी। : सच्ची मेहनत








राहुल और आकाश दो बचपन के सच्चे मित्र थे । साथ मे पढ़ते , खेलते और घूमते । दोनो ने  एक ही साथ माध्यमिक परीक्षा पास कर गांव से 8 किलोमीटर दूर हाईस्कूल में प्रवेश लिया ।  राहुल पढ़ाई में तेज था जबकि आकाश एक औसत छात्र था । 
दोनो साथ - साथ विद्यालय जाते और घर आते । धीरे - धीरे कक्षा में राहुल की दोस्ती और बच्चों  के साथ  भी बढ़ने लगी क्योंकि वह होशियार लड़का था । वहीं आकाश से भी राहुल का रुझान कम होता जा रहा था । इस संदर्भ में आकाश कई बार समझाता था कि साथ बैठकर पढ़ेंगे तो ज्यादा आसानी होगा और मेरी भी दिक्कतें दूर हो जाएगीं । आकाश बहुत ही मेहनती लड़का था भले ही औसत छात्र था । वह प्रतिदिन घर के काम से समय निकाल कर पढ़ाई में ध्यान देता था । प्रतिदिन सुबह से उठकर पढ़ता था । वहीं राहुल की दोस्ती और बच्चों से दिनोदिन बढ़ती जा रही थी और उसे  आकाश को पढ़ाई में मदद करने में कोई रुचि नही रह गयी थी । वह हमेशा आकाश को पढ़ाई में ध्यान देने को कहता था कि वह कमजोर है , अच्छे से पढ़े ताकि बोर्ड परीक्षा पास कर सके । 
राहुल ने कक्षा नवमी तक विद्यालय में टॉप किया था और दसवीं की अर्धवार्षिक परीक्षा में भी सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किया । उसे गणित विषय बहुत अधिक प्रिय था इसलिए उस विषय  पर   ज्यादा ध्यान देता था ।  अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद दोनों का एक साथ पढ़ना लिखना लगभग बन्द हो गया था और वे अपनी अपनी तैयारी में ब्यस्त हो गए । राहुल पढ़ाई के साथ साथ घूमने और क्रिकेट खेलने का भी शौकीन था । बीच- बीच मे खेलने चला जाता था । 
आकाश के लिए सबसे बड़ी मुसीबत थी तो वो गणित विषय ही था ।  वह इतना सक्षम भी नही था कि ट्यूशन कर सके । बड़ा परेशान था कि वह कैसे अच्छे अंक प्राप्त कर पायेगा । 
एक दिन शाला में अंग्रेजी विषय के सर ने उसे परेशान देखा तो पूछा ?  उसने सारी समस्या उस सर को बता दिया । तब सर ने उसे समझाया कि बेटा सभी विषय महत्वपूर्ण होते है और सबको बराबर ध्यान से  पढो अगर अच्छे अंक से पास होना चाहते हो तो । क्योंकि सभी विषय के अंक मिलकर पूरा परिणाम निर्धारित करते है । इसलिए सभी विषयो को समय सारणी के आधार पर निर्धारित कर पढ़ाई करो । और गणित तथा अंग्रेजी से सम्बंधित दुविधाओं को लंच के समय मुझसे दूर कर लेना । वर्मा सर का जवाब सुनकर आकाश के मन मे एक नया संचार और आत्मविश्वास भर गया और वह मन लगाकर वह जुट गया । वही राहुल को विश्वास था कि शाला में टॉप तो वही करेगा क्योंकि वह सबसे कठिन विषय गणित का मेघावी छात्र था । 
वार्षिक परीक्षा शुरू हुई और दोनो दोस्तो के पर्चे अच्छे गए । आकाश की मेहनत इस बार शानदार थी क्योंकि उसने अपने कमजोरी को ही अपना ताकत बना लिया था और दृढ़ संकल्पित था कि बोर्ड परीक्षा अच्छे से पास करेगा । 
महीने बाद परिणाम आया और बड़ा परिवर्तनकारी रहा । राहुल ने अच्छे अंक प्राप्त किये । उसे उम्मीद के अनुसार गणित में 95 अंक प्राप्त हुए जबकि सामाजिक विज्ञान की अनदेखी से मात्र 70 अंक ही प्राप्त कर पाया । कुल 600 अंको में 510 अंक प्राप्त किया । लेकिन उस परिणाम से ज्यादा आश्चर्य उसे आकाश के परिणाम से था । आकाश में 600 में 536 अंक लाकर पूरे विद्यालय में टॉप किया था । उसे गणित में 76 अंक प्राप्त हुए थे लेकिन उसने अन्य सभी विषयों में 90 से अधिक अंक प्राप्त किये जिसमे अंग्रेजी विषय मे 96 अंक काफी आश्चर्य करने वाली बात थी ।
पूरे विद्यालय में हलचल हो गई थी कि इस बार टॉपर एक औसत छात्र बना । जब दोनों आपस मे मिले तो राहुल ने बड़े आश्चर्य से पूछा तो उसने वर्मा सर वाली मार्गदर्शन बाली बात उसे पूरी बता दी । यह सुन राहुल को बहुत निराशा हुई कि क्यों उसने मार्गदर्शन नही लिया और एक गणित विषय के अतिआत्मविश्वास के कारण अन्य विषयों पर ध्यान दे नही पाया कि बाकी तो ऐसे ही बन जायेगा ।
राहुल और आकाश दौड़ते वर्मा सर के पास गए और आशीर्वाद लिए और आकाश ने सर से कहा - सर ये सब आपके कारण हुआ है ।
तब सर मुस्कुराये और बोले - नही बेटा ! ये तो तुम्हारी सच्ची मेहनत थी जो तुमने ईमानदारी से की थी । जीवन मे आत्मविश्वास जरूरी है लेकिन अतिआत्मविश्वास से बचना चाहिए और हमेशा अपने से बड़ो का मार्गदर्शन लेते रहने चाहिये ।
अब तक राहुल बहुत कुछ समझ चुका था ।




              कृष्णकुमार वर्मा 
              चंदखुरी फार्म , रायपुर

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