देता है यह सबको छाया । अदभुत इसकी है सब माया ।।
फूल पान औ फल को देता । बदले हमसे कुछ ना लेता ।
पत्ती जड़ से औषधि बनती । बीमारी को झट से हरती ।।
मिलकर पौधे रोज लगाओ । शुद्ध हवा तुम निशदिन पाओ ।।
सुबह शाम सब पानी डालो । बैठ छाँव में अब सुस्ता लो ।।
बैठे डाली पंछी गायें । मीठे मीठे फल को खायें ।
थककर राही नीचे आते । बैठ छाँव में अति सुख पाते ।।
जंगल झाड़ी कभी न काटो । भाई भाई इसे न बाटो ।।
मिलकर सारे पेड़ लगाओ । धरती को तुम स्वर्ग बनाओ ।।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कबीरधाम)
छत्तीसगढ़
8602407353
mahendradewanganmati@gmail.com
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