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रविवार, 6 जनवरी 2019

प्रिन्सेज डाॅल के फूलदार जूते. शरद कुमार श्रीवास्तव







प्रिन्सेज को नई ड्रेस 👗 और नये जूते पहनने का बडा शौक है । उसके पास नानी जी की दी हुई पावर वाली हेयर क्लिप तो पहले से ही है इसलिए उसे क्लिप्स का ज्यादा शौक नहीं है । उसके पास अच्छी अच्छी फ्राक और ड्रेसेज हैं । उसके पास शूज भी बहुत हैं लेकिन फूलों के प्रिंट वाले जूते प्रिन्सेज डाॅल को बहुत पसन्द हैं । मम्मी उसकी पसंद देख कर उसे वही फूलदार जूते पहना देती है। आज जब फूलदार जूते पहन कर पार्क में गयी तब वहां उसके ऊपर रंग बिरंगी तितलियाँ मंडराने लगी थीं । एक सुंदर सी तितली ने प्रिंसेस डॉल के कानो मे फुसफुसा के कहा , प्रिन्सेज तुम तो बहुत अच्छी हो और बहुत अच्छी लग भी रही हो। तुम्हारे जूते बहुत खूबसूरत हैं । उसपर बने फूल  🌸 तो बहुत सुन्दर हैं । हम तो बार बार इन्हें असली फूल समझ कर धोखा खा जाते हैं ।
प्रिन्सेज ने तितली को पकड़ने की कोशिश की तो वह दूर उड़ गई और एक सुंदर फूल के ऊपर जाकर बैठ गयी । प्रिन्सेज ने बहुत कोशिश की परन्तु वह उसके हाथ में नहीं आ रही थी । बार बार उसके कानो के पास आकर गुनगुना कर अपना प्यारा गीत सुना रही थी जो उसे बहुत पसन्द है और प्रिन्सेज हमेशा उसे देखकर गाती थी ।



तितली रानी
नन्ही नन्ही प्यारी प्यारी
उडती देखो इतनी सारी
रंग बिरंगी गुलाबी पीली
डिज़ाइन दार हरी नीली

आकाश से उडती आती
फूलों पर बैठ ये इठलाती
मैं इसे हूँ छूने जब जाती
डर कर ये दूर उड जाती

तितली बोली मुझे तो तुम्हारा वाला यह बालगीत बहुत पसन्द है । वह फिर बोली जानती हो मै तुम से डर कर क्यों उड़ जाती हूँ ?   तुम बच्चे तितलियों को अगर पकड़ लेते हो जाने अनजाने में पकड़े पकडे़ उसे मार देते हो। काफी कुछ तो हमे नुकसान हुआ है पर्यावरण में फैली दूषित हवा से ! फिर तुम सब बच्चों के खेल से हमें नुकसान हुआ है । प्रिन्सेज ने कहा चलो मैं प्रामिस करती हूँ कि मैं तुम्हें कुछ नुकसान नही पहुचाऊँगी और तुम्हे छुऊँगी भी नहीं पर प्लीज अपने जैसे प्यारे वाले पंख मेरे लिये भी ला दो ,जिससे मै अपनी नानी जी के घर उड़ कर जा सकूं। तुम जानती हो कि मेरी नानी जी का घर बादलों के उस पार परी देश में है । मेरी मम्मी भी परी देश से आकर, अपने पंखों को कहीं खो दी हैं । अगर उनके पास पंख होते तो नानी जी के घर जाकर कभी वो मेरे लिये भी पंख ले आतीं। फिर मै और तुम एक साथ आकाश की सैर करते तब कितना मजा आता ।
तितली रानी ने प्रिंसेस डॉल की बात को ध्यान से सुना फिर बोली , वैसे तो हमे भी मन करता है कि हम तुम्हारी तरह के बच्चे बन जायें। हम स्वतंत्र उड़ भी नहीं सकते हैं । अगर निश्चिंत बेखबर किसी पेड़ पर या पौधे पर बैठ जाते हैं तब कोई बच्चा पकड़ लेता है और मेरे पंख भी बिना कारण के नोचकर हमे अनजाने में ही मार देता है । हमे स्कूल जाकर पढ़ने को नहीं मिलता है । तुम्हारी तरह की सुन्दर फ्राक भी हमारी नहीं है और न तो तुम्हारे प्यारे वाले शू ही मेरे पास हैं। तुम को तो तुम्हारी नानी जी आकर सपने मे परी देश की सैर करा लाती हैं तुम्हे पंखों की क्या जरूरत है । अकेले तो बिना घर मे बताये तो बच्चों को वैसे भी कहीं नहीं चाहिये । यह कह कर तितली उड़ गई और प्रिन्सेज डाॅल अपने घर चली आयीं ।।

                                 शरद कुमार श्रीवास्तव 

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