तैराकी प्रतियोगिता के लिये सब बच्चे स्वीमिंग पुल के किनारे तैयार बैठे थे |
नमन भी उस प्रतियोगिता मे एक प्रतिभागी था|
वह सोच रहा था कि उसने हिस्सा तो ले लिया पर क्या वह पानी मे कूद पायेगा? पानी बहुत गहरा था और उसे पानी से बहुत डर लगता था |
नमन भी उस प्रतियोगिता मे एक प्रतिभागी था|
वह सोच रहा था कि उसने हिस्सा तो ले लिया पर क्या वह पानी मे कूद पायेगा? पानी बहुत गहरा था और उसे पानी से बहुत डर लगता था |
इतने मे एक छोटा लड़का आकर नमन से पूछने लगा , अंकल जी , क्या आप भी रेस मे शामिल हैं? नमन ने उत्तर दिया क्यों मैं पानी मे नहीं कूद सकता क्या?
इस उत्तर से नमन के हौसले मे थोड़ी मजबूती आई | सभी तैराक तैयार थे| सब एक दूसरे को शुभ कामना दे रहे थे | अपनी अपनी जगह पहुंच चुके थे | तभी रेफरी ये सीटी बजाई| सब लोग एक साथ पूल मे कूद गये |
नमन ने भी छलांग लगाई | कूद तो गया पर मन ही मन मे डर रहा था कि उस जैसे निःशक्त शख्स को पूल मे नहीं कूदना चाहिये था |.
फिर उसने चारों तरफ देखा और अपने आस पास कई युवाओं को तैरते हुए देखकर डर कम होने लगा | दो तीन राउंड लगाने के बाद वह भी और लोगों की तरह सफल हो गया तैराकी मे |
उसने महसूस किया कि और तैराकों की तरह उसमें क्षमता नहीं थी लेकिन उसने हौसला नहीं छोड़ा |इस तरह वह सफल हो गया |
रेस समाप्ति के बाद रेफरी साहब ने नमन को शाबाशी दी उसकी सफलता पर |पूल से बाहर आने पर सभी ने तालियां बजाकर उसका स्वागत किया |
नमन ने कई अशक्त बच्चों मे नई उम्मीदें भर दी थीं |
इस उत्तर से नमन के हौसले मे थोड़ी मजबूती आई | सभी तैराक तैयार थे| सब एक दूसरे को शुभ कामना दे रहे थे | अपनी अपनी जगह पहुंच चुके थे | तभी रेफरी ये सीटी बजाई| सब लोग एक साथ पूल मे कूद गये |
नमन ने भी छलांग लगाई | कूद तो गया पर मन ही मन मे डर रहा था कि उस जैसे निःशक्त शख्स को पूल मे नहीं कूदना चाहिये था |.
फिर उसने चारों तरफ देखा और अपने आस पास कई युवाओं को तैरते हुए देखकर डर कम होने लगा | दो तीन राउंड लगाने के बाद वह भी और लोगों की तरह सफल हो गया तैराकी मे |
उसने महसूस किया कि और तैराकों की तरह उसमें क्षमता नहीं थी लेकिन उसने हौसला नहीं छोड़ा |इस तरह वह सफल हो गया |
रेस समाप्ति के बाद रेफरी साहब ने नमन को शाबाशी दी उसकी सफलता पर |पूल से बाहर आने पर सभी ने तालियां बजाकर उसका स्वागत किया |
नमन ने कई अशक्त बच्चों मे नई उम्मीदें भर दी थीं |
बच्चों, यदि हौसले बुलंद हों तो कोई भी कार्य कठिन नहीं होता | बस कोशिश जारी रखनी चाहिये , इच्छा शक्ति दृढ़ होनी चाहिये |
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मंजू श्रीवास्तव हरिद्वार
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