एक जंगल में एक शिकारी अपने कुत्ते के साथ जा रहा था। रास्ते में उसकी टोपी गिर गई। उधर एक चूहा अपने बिल से निकला और टोपी में जा बैठा। टोपी में बैठकर उसनें अपनी बासुरी निकाली और बजाने लगा। एक मेंढक ने जब बांसुरी की पीं-पीं आवाज सुना तो टोपी के पास आ कर बोला- इस टोपी में कौन है।
टोपी से चूहा बोला मैं कुटुरमुटुर चूहा, आप कौन हैं ? मेंढक बोला मैं छप-छप मेंढक हूं क्या मै अन्दर आ सकता हूं ? चूहा बोला आपका स्वागत है आजाइए। मेंढक अन्दर चला गया और अपनी टर्रटों टर्रटों की आवाज़ में गीत गाने लगा।
एक लोमड़ी उधर से निकल रही थी उसनें भी टोपी के पास आ कर पूछा इस टोपी में कौन है टोपी से आवाज आई कुटुर मुटुर चूहा, थप थप मेंढक और आप कौन हैं। मैं हूं चालबाज लोमड़ी क्या मैं अन्दर आ सकती हूँ? हाँ हाँ क्यों नही आप आ जाइये भीतर।
वह भी टोपी में छमछम छमछम नाचने लगी। थोड़ी देर में उधर एक भेड़िया आया। उसने भी आते ही पूछा कि इस टोपी में कौन है? टोपी से आवाज़ आई कुटुरमुटुर चूहा, थपथप मेढक चालबाज लोमड़ी और आप कौन हैं? भेड़िया बोला दगाबाज भेड़िया नाम है मेरा। क्या मैं अंदर आ जाऊँ। टोपी से आवाज़ आई अच्छा आजाइये। भेड़िया टोपी में घुस गया और अन्दर जा कर ढपली बजाने लगा। एक अच्छी डान्स पार्टी तैयार होगयी थी कि उधर से एक भालू आया वह भी टोपी में घुसना चाहता था। उसनें पूछा कि इस टोपी में कौन कौन है।
सबने अपना नाम बताया कि मै किकुटुरमुटुर चूहा, थपथप मेढक चालबाज लोमड़ी तथा दगाबाज़ भेडिया और पूछा आप कौन हैं? मैं हूँ कालू भालू मैं भी अन्दर आजाऊँ।. कुटुरमुटुर चूहा, थपथप मेढक चालबाज लोमड़ी दगाबाज भेड़िया सब लोगो ने एक साथ कहा अब जगह नही है लेकिन कालूराम भालूजी कहाँ मानने वाले थे। झगड़ा हो ने लगा।
इतने मे पीहू की नीद खुलगई। उसने देखा कि फर्श पर उसकी सुन्दर वाली कैप पड़ी है और उसके आसपास उसके खिलौने वाले जानवर बिखरे पडे हैं। उसे याद आया कि उसकी मम्मी ने आफिस जाते समय कहा था पीहू खिलौने खेलने के बाद उन्हें डिब्बे में बन्द करके रख देना। उसनें सोचा कि अगर मैंनें मम्मी का कहना मान लिया होता तो ये आपस में लड्नहीं पाते और मेरी कैप भी गन्दी नहीं होती। पीहू ने खिलौने डिब्बे में बन्द कर दिये और कैप झाडकर पहन ली।
शरद कुमार श्रीवास्तव
Achchi air majedar kahani
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सुरभि
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंमहेन्द्र देवांगन माटी