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बुधवार, 16 अक्टूबर 2019

बिल्लीजी नाराज हैं :: प्रभूदयाल श्रीवास्तव







 एक कटोरा 
 भरा दूध का ,
 बिल्ली अभी
 छोड़कर आई |
 बोली उसको  
 नहीं पियूंगी,
 उसमें बिलकुल
 नहीं मलाई |

कल का दूध 
बहुत फीका था ,
शक्कर बिलकुल
नहीं पड़ी थी |
घर की मुखिया
दादी मां से,
इस कारण वह
खूब लड़ी थी |  

दूध ,मलाई 
वाला होगा ,
खूब पड़ी होगी
जब शक्कर|
और मनाएंगी
जब दादी,
दूध पियूंगी तब
उनके घर |






प्रभूदयाल श्रीवास्तव 

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