जीवन को तुम जीना सीखो , किस्मत को मत कोस ।
खुद बढकर तुम आगे आओ , और दिलाओ जोश ।।
सुख दुख दोनों रहते जीवन , हिम्मत कभी न हार ।
आगे आओ अपने दम पर , होगी जय जयकार ।।
सिक्के के दो पहलू होते , सुख दुख दोनों साथ ।
कभी गमों के आँसू बहते , कभी खुशी हैं हाथ ।।
राह कठिन पर आगे बढ़ जा , मंजिल मिले जरूर ।
वापस कभी न होना साथी , होकर के मजबूर ।।
अर्जुन जैसे लक्ष्य साध लो , बन जायेगा काम ।
हार न मानो कभी राह में , जीवन इसका नाम ।।
जीवन एक गणित है प्यारे , आड़े तिरछे खेल ।
गुणा भाग से काम निकलता , होता है तब मेल ।।
हँसकर के अब जीना सीखो , छोड़ो रहना मौन ।
माटी का जीवन है प्यारे , यहाँ रहेगा कौन ?
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कबीरधाम)
छत्तीसगढ़
8602407353
mahendradewanganmati@gmail.com
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी
जवाब देंहटाएंमहेन्द्र देवांगन माटी