ब्लॉग आर्काइव

गुरुवार, 16 जनवरी 2020

जीवन इसका नाम ( सरसी छंद)






जीवन को तुम जीना सीखो , किस्मत को मत कोस ।
खुद बढकर तुम आगे आओ , और दिलाओ जोश ।।

सुख दुख दोनों रहते जीवन ,  हिम्मत कभी न हार ।
आगे आओ अपने दम पर , होगी जय जयकार ।।

सिक्के के दो पहलू होते , सुख दुख दोनों साथ ।
कभी गमों के आँसू बहते , कभी खुशी हैं हाथ ।।

राह कठिन पर आगे बढ़ जा , मंजिल मिले जरूर ।
वापस कभी न होना साथी , होकर के मजबूर ।।

अर्जुन जैसे लक्ष्य साध लो  , बन जायेगा काम ।
हार न मानो कभी राह में  , जीवन इसका नाम ।।

जीवन एक गणित है प्यारे , आड़े तिरछे खेल ।
गुणा भाग से काम निकलता , होता है तब मेल ।।

हँसकर के अब जीना सीखो , छोड़ो रहना मौन ।
माटी का जीवन है प्यारे ,  यहाँ रहेगा कौन ?



महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया  (कबीरधाम)
छत्तीसगढ़
8602407353
mahendradewanganmati@gmail.com

1 टिप्पणी: