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जल,थल,नभ में देखो
आज तिरंगा है, लहराया।
भाईचारे व विभिन्नता में
फिर से है, एकता दर्शाया।
भिन्न-भिन्न हैं रंग जहाँ
भिन्न-भिन्न यहाँ हैं बोलियाँ।
शहीदों के समक्ष सदा
नत मस्तक होता है जहाँ।
वो देश है हिन्दुस्तान
जिस पर रहता नाज़ सदा।
गगन धरा भी गुनगुना उठी
जय हिंंद, जय हिंद का गानकर।
आओ देश का सम्मान करें
संविधान, तिरंगा का मान रख।
उदार मन है धरती का
अंबर सा हृदय है जिसका।
आन,बान व शान
है हमारे देश के गणतंत्र का।
अर्चना सिंह
गाजियाबाद
Bahut achchi rachna...jai hind
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