गर्मी के तपन धूप में भी , काम करते हैं वे लोग।
जीवन के कठिन डगर में , हौसला रखते हैं वे लोग।।
कितना मुश्किल हो गया है , एक एक पल जीना।
कैसे रहतें है वो लोग , अपने परिवारों के बिना।।
मैं उस इंसान के बारे में , दर्द ए बयां करती हूँ।
अपनी डायरी के पन्नो में , हौसला कैद करती हूँ।।
आज महामारी के जंग से , यही लोग लड़ रहे हैं।
अपनी जिंदगी जीने के लिये , आज उमड़ रहे हैं।।
अस्पतालों में भगवान का रूप , लिये खड़े हैं।
कोरोना को हराने के लिये , सभी लोग अड़े है।।
देश के वीर जवान और डॉक्टरों को नमन करती हूं।
अपनी डायरी के पन्नों में , हौसला कैद करती हूँ।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया छत्तीसगढ़
बहुत बढ़िया रचना
जवाब देंहटाएंबधाई हो