मुझ पर थोड़ी दया करो माँ, कुछ ऐसा उपकार करो।
नया वर्ष में माँ तुम अपनी, चमत्कार साकार करो।।
संकट में है सारे मानव, त्राहि त्राहि है मचा हुआ।
रोते रोते दिन है कटते, मुक्ति धाम है सजा हुआ।।
टूट पड़ो माँ काली बनकर, राक्षस का संहार करो।
नया वर्ष में माँ तुम अपनी, चमत्कार साकार करो।।
रोजी रोटी खातिर मानव, भटक रहे दुनिया सारी।
ऐसा कलयुग आया साथी, विपदा टूट पड़ी भारी।।
छोटे छोटे बच्चे हैं माँ, कुछ ऐसा उपकार करो।
नया वर्ष में माँ तुम अपनी, चमत्कार साकार करो।।
आना जाना बंद सभी का, घर पर ही सोये रहते।बच्चे बूढ़े भूखे बैठे, मात पिता खोये रहते।।
जो पापी अत्याचारी है, उस पर तुम तलवार धरो।
नया वर्ष में माँ तुम अपनी, चमत्कार साकार करो।।
रचनाकार
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें