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शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021

प्रिन्सेज डॉल, फूल और प्यारी तितली शरद कुमार श्रीवास्तव की रचना

 


बसंत  का मौसम  है ।   प्रिन्सेज डॉल के  बगीचे मे खूब सुन्दर प्यारे प्यारे  फूल खिले हुये हैं ।  डाॅल,  स्कूल  जाने से पहले  अपने  बगीचे में  जरूर  जाती है । फूलों  को हँसता  देख कर  उसको बहुत  अच्छा  लगता  है ।    उसे गुलाब बहुत पसंद  है ।  वह देखने  में  सुंदर  तो हैं ही उनकी खुश्बू भी   प्रिन्सेज डॉल को  बहुत  पसंद  है  ।  वैसे उसे दूसरे  फूल  भी पसन्द  हैं जैसे   डाहलिया, गुलदावदी , पैन्जी,  पाॅपी आदि लेकिन ये   फूल तो जाड़े के  फूल हैं  जो  प्रिन्सेज डॉल को  पसन्द  है ।    बेले के  फूल तो गर्मियों मे आते हैं   जिसकी  मोहक खुश्बू और उनका सफेद प्यारा  रंग  भी  प्रिन्सेज को पसंद  है  ।   परन्तु  गुलाब  के  फूल की  बात   ही  कुछ और  है  ।   हर  मौसम  में गुलाब  हँसते खिलखिलाते बहुत  प्यारे   नजर आते हैं।    उस दिन प्रिन्सेज को  बगीचे  में   प्यारी प्यारी  तितलियाँ  भी  दिखाई  दीं  ।    प्रिन्सेज  को  बड़ा  मज़ा  आ गया  ।  वह एक  तितली  के  पीछे  दौड़ी जो  गुलाब  के  फूल  के  ऊपर आ बैठी थी और  उस फूल से बातें  कर  रही  थी  ।   प्रिन्सेज डॉल को आता देख  कर  वह झट से  उड़ गई । डाॅल उसके  पीछे दौड़  रही थी लेकिन  उसको वह पकड़  नहीं  पा रही  थी ।    इतने मे पीछे  से  किसी  ने प्रिंसेस  डॉल को  आवाज़  लगाई ।   उसने देखा  कि  गुलाब के  फूल  से  से आवाज  आ रही है ।     गुलाब के  फूल  की  उदासी भी फूल  की  रंगत से साफ दिखाई  दे  रही  थी  ।     उसकी  दो  चार  पंखुड़ियाँ  झड़ गई  थी   और  गुलाब  का फूल  उससे  कह रहा था कि   काफी दिनों  के  बाद  उसकी  तितली  बहन उसके पास  आई थी  और तुम  ने उसे उड़ा दिया ।   उसी  समय  डॉल के  कान के  पास  से   तितली  निकली ।   वह भी  कह रही थी  कि  मै   इतने दिनों  के  बाद अपनी बहन  से मिलने  आई थी  और तुम मुझे  पकड़ने के  लिये  दौड़  पडीं  यह तो अच्छी  बात नही  है  ।   प्रिन्सेज डॉल बोली  मैं  क्या  करूँ  मुझे  तितलियाँ  बहुत  पसंद  हैं  ।   इस पर तितली  बोली लेकिन  पकडने से तो मेरे पंख टूट जायेगें  और मै मर जाऊँगी ।   प्रकृति ने सुन्दर  चीजें  बनाई है सिर्फ  देखने के  लिए  उन्हें  तोड कर बर्बाद  करने  के  लिए  नहीं  ।   प्रिन्सेज को याद  आया कि  जब जादूगर  ने उसे  पकड़  लिया  था तब उसे कितना बुरा लगा  था ।   वह अपनी मम्मी  के  लिए  कितना  रोई थी ।  उसने तुरन्त  उसे तितली  से माफी  मांगी और कहा कि  तुम हमेशा इसी तरह फूलों  से  मिलने  आया  करना ।   हम बच्चे तुम्हें  विश्वास  दिलाते हैं  कि  हम सिर्फ  तुम्हें  देखेंगे  और तुमको पकडेगा नहीं ।   इतने में  स्कूल  की वैन का हार्न बजा और प्रिन्सेज डॉल स्कूल  चली गई ।



शरद कुमार  श्रीवास्तव 



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