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गुरुवार, 5 अगस्त 2021

"झूला" (दोहा) : प्रिया देवांगन "प्रियू" की रचना






आया सावन झूम के, भीगे तन मन आज।
झूला झूले पेड़ पर, कर के नारी साज।।

बिजली चमके जोर से, घिरे घटा घनघोर।
पँख फैला कर नाचते, वन में सारे मोर।।

रिमझिम रिमझिम बारिशें, करती है संगीत।
सजनी झूला झूलती, होती है यह रीत।।

गिरे मूसलाधार जब, लगे हाल बेहाल।
झूले सखियाँ मिल सभी, बाँधे पेड़ो डाल।।

भीगे मौसम है यहाँ, भीगे से बरसात।
साजन सजनी साथ में, बैठे करते बात।।




प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़

Priyadewangan1997@gmail.com

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