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गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

"सुंदर पुष्प" प्रिया देवांगन "प्रियू" का गीतिका छ॔द



लाल नीले बैगनी सब, आज मन को भा गये।
पुष्प सुंदर लग रहे हैं, बाग में सब छा गये।।
देख के इस पुष्प को जी, राग भौंरे गा रहे।
मंद सी मुस्कान लेकर, बाग में सब आ रहे।।

शीत बरसे मेघ से जब, मोतियाँ बन जा रही।
फूल से खुशबू निकल कर, बाग को महका रही।।
रंग इसका प्रेम का है, ईश को मोहित करे।
हाथ जिसके आय जब वो, प्रेम से मन को भरे।।



प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़

Priyadewangan1997@gmail.com


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