प्रिन्सेज के स्कूल मे आज मैडम ने बच्चो की एक टिफिन पार्टी रखी थी. यह पांर्टी इसलिये थी ताकि बच्चे मिल जुल कर खायें. शेयर कर के खाने से एक सोशल बनने की प्रकृति जाग्रत होती है. शेयर करने से बच्चे हिल मिल कर रहना सीखेगे . टीचर ने हर बच्चे को अपने- अपने घरों से अलग- अलग किस्म की चींजे लाने को कहा गया है. छह- छह बच्चो को वही- वही चीजें लाने को कहा गया ताकि सामान बरबाद न हो और किन्ही पेरेन्टस् पर अधिक बोझ भी नहीं पडे़. रूपम डॉल को पोहा लेकर जाना था तो शुभम को पीजा ! लेकिन प्रिन्सेज डॉल को तो मिठाई लेकर जाना है . प्रिन्सेज को मिठाई मे लड्डू बहुत पसन्द है . उसे लड्डू पसन्द होने की एक वजह है मोटू पतलू वाले मोटू को समोसे पसंद हैं तो छोटा भीम की तरह प्रिन्सेज को भी लड्डू पसंद हैं . उसकी मम्मी लड्डू घर मे कम लाती है. टीचर जी ने जब डायरी मे लिखकर दिया है तब तो मम्मी को पापा जी से लड्डू लाने को कहना पडा़ .
शाम जैसे ही हुई ,पापा जी आफिस से लौटते हुए लड्डू लेकर आये. उन्हे मालूम था कि उनकी प्यारी बिटिया को लड्डू बहुत पसंद है इसलिये मिठाई का डिब्बा खोल कर पापा जी अपने हाथों से दो लड्डू अपनी दुलारी बेटी को प्लेट मे रखकर दिया . प्रिन्सेज ने जल्दी जल्दी दोनो लड्डू गटक लिये . उसने पापाजी से एक और लड्डू की फरमाइश की तब पापा जी ने उसे एक और लड्डू दे दिया . उस समय तक प्रिन्सेज की मम्मी ऑफिस से नहीं आयी थीं . मम्मी जी जब ऑफिस से घर आईं और थोड़ी देर मे घर मे जब खाना खाना हो गया तब सबके साथ प्रिन्सेज ने लड्डू खाया.
सबेरे मम्मी ने एक टिफिन बॉक्स मे आठ लड्डू रख दिये थे . पाँच लड्डू तों ग्रुप के बच्चें के लिये थे, दो लड्डू मैडम के लिये थे और एक लड्डू एक्स्ट्रा था . वैंन मे लड्डू का ध्यान प्रिन्सेज को बेचैन कर रहा था . उसने सोचा मम्मी ने एक लड्डू एक्स्ट्रा रखा है वह मै किसी को नहीं दूंगी वह उसने सबसे छुपा कर वैन मे ही खा लिया . स्कूल पहुँचने के बाद कुछ देर तक प्रिन्सेज को लड्डू का ध्यान नहीं आया लेकिन जैसे ही शानू ने छुपा कर टाफी का रैपर खोला वैसे ही प्रिन्सेज को अपने लाये लड्डू याद आगये . उसने सोचा एक लड्डू मेरे हिस्से का है वह तो मै खालूँ. जैसे ही उसने वह लड्डू निकाल कर खाना चाहा लड्डू की महक टीचर की नाक मे पड़ी और उन्होने प्रिन्सेज के हाथ से वह लड्डू वापस रखा दिया . क्लास मे कोई चीज खाने के लिये उसे दस मिनट के लिये बेन्च पर खड़ा कर दिया गया.
टीचर ने सब बच्चो को अधिक मिठाई खाने से होने वाले नुकसान के बारे मे पूछा . रिंकी बोली मैम ज्यादा मिठाई खाने से बच्चों के पेट मे दर्द होने लगता है. मैम बोली शाबाश रिंकी बिल्कुल ठीक है मिठाई मे चिकनाई घी तेल अधिक होता है जिसको अंधिक खाने से पेट दर्द करने लगता है. मन्टू बोला हाँ मैडम , इसी वजह से मोंटे भी हो जाते हैं जिससे ठीक से भाग दौड़ भी नहीं पीतें है. टीचर ने उसे तारीफ भरी नजरों से देखा. गायत्री बोली मैम ज्यादा मिठाई ख़ाने से मेरे भाई के दाँत को कीटाणु खा चुक़ें थे इसी लियें डाक्टर ने मुँह मे इन्जेंक्शन लगाकर प्लास से दाॅत निंकलवाये थे बहुत दर्द हुआ था. प्रिन्सेज के नाना जी को डायबटीज है उसने भी बेन्च पर खड़े खड़े कहा मैम ज्यादा चीनी की चीजे खाने से डायबटीज भी हो जाती है. टीचर ने खुश होकर कहा बच्चो तुम सब लोग अच्छी तरह से जान गये कि अधिक मीठा नहीं खाना चाहिये . तब तक टिफिन की बेल हो गई थी . सब बच्चो ने टिफिन शेयर कर के खुशी मनाई।।
शरद कुमार श्रीवास्तव
Behad pyari kahani.mere dono bachchon ko bahut hi pasand ayi.
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