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मंगलवार, 15 फ़रवरी 2022

"भिक्षुक " प्रिया देवांगन "प्रियू" की मार्मिक रचना



माँगे भिक्षा दान, द्वार पर सब के जाते।
दे दो मुझको दान, स्वयं झोली फैलाते।।
पहने भगवा रंग, माथ में तिलक लगाते।
रख मंजीरा हाथ, भजन भगवन के गाते।।

रुपिया चाँवल और, भोज भी दे दो माई।
कृपा करेंगे आज, स्वयं मेरे रघुराई।।
हम भगवन के भक्त, सभी के घर पर जाते।
करते सदा गुहार, तभी हम भोजन पाते।।

लीला अजब रचाय, भीख से करे कमाई।
कैसी माया देख, बड़ी लगती दुखदाई।।
सच्चे मन से लोग, दान हम को तुम देना।
प्रेम दया अरु ज्ञान, साथ में तुम भी लेना।।





प्रिया देवांगन "प्रियू"
राजिम
जिला - गरियाबंद
छत्तीसगढ़

Priyadewangan1997@gmail.com

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