नन्ही चुनमुन का स्कूल का पहला दिन
कुछ पुराने दोस्तों के मिलने पर चुनमुन को बहुत खुशी हुई । स्कूल प्रबंधन का स्कूल खोलने का यह आकस्मिक निर्णय था अतः कोई विशेष तैयारी नही थी टीचर्स भी कम थीं गत वर्ष की उसकी क्लास टीचर आयशा मैम की शादी हो गई थी नईवाली जैन मैम को कक्षा के बच्चो के बारे मे पता नही था इसलिए आज उनका समय बच्चों के साथ बातचीत करने मे लगा । जैन मैम बहुत प्यारी हैं चुनमुन को वो और उनको चुनमुन बहुत पसन्द आईं।
चुनमुन ने बताया कि उसके क्लास का एक बच्चा शाश्वत पेन्सिल बाक्स भूल आया था। उसने स्कूल आते समय बैग चेक किया था फिर भी उसने नोटिस नहीं किया था कि उसमे पेन्सिल बाक्स है कि नहीं । नई मैम ने फिर क्लास से शाश्वत की सहायता के लिए कहा तो चुनमुन ने झटपट अपने साथ की अतिरिक्त पेन उसे लिखने के लिए दे दी।
मैम इस बात से बहुत खुश हुईं। चुनमुन की तत्परता, सहयोग और लीडरशिप देखकर उसे क्लास का माॅनीटर बना दिया। चुनमुन बहुत खुश हुई और उसके दिल मे खुशी की एक लहर दौड़ गई।
शरद कुमार श्रीवास्तव
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