मिलकर रहते हैं नयन, इक दूजे के संग।
हर पल करतें प्यार वो, यही हमारे अंग।।
लगे चोट गर देह को, बहाती आँखें धार।
बिन इसके जीवन नहीं, सूना यह संसार।।
देख किसी इंसान को, जाती है पहचान।
अच्छे साथी का सखी, करती है सम्मान।।
कितनी भी मुश्किल रहे, सहती फिर भी भार।
करती हैं ये सामना, नहीं मानती हार।।
आओ साथी हम सभी, सीखें रहना साथ।
जीवन आये दुख कभी, छोड़ें कभी न हाथ।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
राजिम
जिला - गरियाबंद
छत्तीसगढ़
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