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मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

नई सीख (बाल कविता) : मंजू यादव

 



मेरे पड़ोसी गोरे लाल,

पके हुए हैं उनके बाल।

डाइ लगाकर काला करते।

बच्चे उनसे बहुत ही डरते।

काला रंग है,कद के छोटे।

निकला पेट ,हैं वो कुछ मोटे।

पेशे से हैं वो हलवाई।

खुद भी खाते दूध,मलाई।।

करते तनिक न वो व्यायाम,

थक कर कहते हाय राम।।

भारी भरकम हुआ शरीर,

लग गए रोग कई गम्भीर।।

पकवानों में करें मिलावट।

रंग मिलाकर करें दिखावट।


हम बच्चों का जी ललचाते,

रोज़ नए पकवान बनाते।


कभी,कभी बाहर का खाए,

घर पर माँ से ही बनवाये।।


ऐसे मिलेगी निरोगी काया,

नहीं पड़ेगी रोगों की छाया।।


 


मंजू यादव

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