ब्लॉग आर्काइव

मंगलवार, 6 दिसंबर 2016

संपादकीय

संपादक  की डेस्क  से







नाना का पिटारा मे आप सभी  का  स्वागत  है  ।   हिन्दी  ब्लागस् डाट नेट द्वारा  सर्वर बदले जाने  की  प्रक्रिया  में आई कुछ  तकनीकी  परेशानियों  के कारण  नाना  की पिटारी और वीनापति दोनो ब्लॉग   अदृश्य हो गये हैं ।  लेकिन  हम रुके  नहीं  हम अपने  मार्ग  मे पुनः  अग्रसर  हैं  एक  नये  नाम  से  "नाना  का पिटारा " जो आपके  सामने  है ।    इस बार  हम  तीन बालगीत प्रस्तुत  कर  रहे  हैं  और दो कहानियाँ प्रस्तुत  कर रहे है । 

इस अंक  में  दो  नये  कवियों  की  कविताएं  हैं  जो आपको  पसंद  आयेगी और  उत्तर  प्रदेश  हिन्दी  संस्थान  से पुरस्कृत  श्री  शादाब  आलम जी की  बाल रचना  भी है 

गत्  26 /11/2016 को प्रकाशित   कहानी  का  हम पुनः  प्रकाशन कर रहे है  ।   विगत  तीन  वर्षों  में  हमें  हमारे  पाठकों  का बहुत  प्यार मिला है  ।  जो हमारे  उत्साह का कारण है  ।  हमारा  पाठकों  से  निवेदन  है कि  इसी तरह  अपना प्यार  बनाए रखे

धन्यवाद 
शरद कुमार  श्रीवास्तव 

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