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मंगलवार, 28 अगस्त 2018

सुशील  शर्मा की कविता : भारत रत्न अटल








             ( जन्म 25.12.1925  चिर विश्राम 16.08.2018)



अटल मौन देखो हुआ,सन्नाटा सब ओर।

अंतिम यात्रा पर चले,भारत रत्न किशोर।


भारत का सौभाग्य है,मिला रत्न अनमोल।

अटल अमित अविचल सदा,शब्द शलाका बोल।


राजनीति में संत थे,राष्ट्रवाद सिरमौर।

शुचिता से जीवन जिया,बंद हुआ अब शोर।


धूमकेतु साहित्य के,राजनीति के संत।

अटल अचल अविराम थे, मेधा अमित अनंत।


देशप्रेम पहले रहा,बाकी उसके बाद।

जीवन को आहूत कर,किया देश आबाद।


वर्तमान परिपेक्ष्य में,प्रासंगिक है सोच।

राजनीति के आचरण,रहे न मन में मोच।


अंतर व्यथा को चीरकर,कविता लिखी अनेक।

संघर्षों संग रार कर ,संयम अटल  विवेक।


अंतिम यात्रा पर चले, दे भारत को आधार।

भारत तेरा ऋणी है,हे श्रद्धा के अवतार।





             सुशील  शर्मा  

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