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गुरुवार, 16 अगस्त 2018

अर्चना सिंह जया की कविता : तिरंगा फहराएँ






















देखो तिरंगे का तीन रंग,

जीवन दर्शन को हैं दर्शाते।

गौरव का प्रतीक बनकर ये,

हमें उचित राह दिखलाते। 

‘केसरिया‘ सदा ही साहस

औ‘ बलिदान सिखलाता ,

साथ ही इस रंग को 

आध्यात्म से भी जोड़ा जाता।

‘सफ़ेद‘ सच्चाई और शांति का

प्रकाश चहुॅं ओर फैलाता,

पवित्रता का दामन थाम ें,

भाईचारे का भी संदेश है देता।

‘हरा‘ रंग खुशहाली बिखेर,

सम्पन्नता को है दर्शाता।

हरा रंग प्रकृति की भॉंति,

जीवन का संदेश है देता।

मध्य में शोभित नीला अशोक चक्र,

एकता के सूत्र में हमें पिरोता।

राष्ट्ीय एकता का बन सूचक ,

देशभक्ति की भावना हृदय में,

‘ध्वजा‘ सदा जीवित रखता।

नील गगन पर इसे लहराकर ,

आओ मिलकर शीश नवाएॅं।

‘भारतीय‘ होने पर नाज़ कर ,

गर्वित हो तिरंगा फहराएॅं।



                     .......... अर्चना सिंह ‘जया‘



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