ब्लॉग आर्काइव

सोमवार, 6 अगस्त 2018

शरद कुमार  श्रीवास्तव की बालकथा : चीबू और मंटू भैया की सावधानी और बहादुरी








बच्चों ने नानाजी को घेर रखा था।  बच्चे  नाना जी  से  कहानी सुनाने की रिक्वेस्ट कर रहे थे।   नानाजी ने उन्हें चीबू और मंटू भैया की बहादुरी कि सच्ची घटना सुनाई।

  चीबू भैया पार्क में खेल रहे थे।   वहाँ उनको एक आदमी मिला, वह बोला चीबू भैया आपको आइसक्रीम खानी है।   अपने  नन्हे-मुन्ने  चीबू को उनकी माँ ने समझा रखा था “किसी के बहकावे में नहीं आते।   बहुत से बुरे लोग। छोटे  बच्चों को पकड़ ले जाते है, फिर उनके हाँथ पाँव काट कर भीख मंगवाते हैं”।   अतः वे सावधान थे. उसने मना कर दिया।  थोड़ी देर बाद  चीबू ने अपनी  गर्दन  घुमाई तो  देखा कि मंटू से भी वही आदमी कुछ कह रहा था।   जब वह आदमी चला गया तो चीबू भैया ने मंटू भैया से पूछा कि वह आदमी क्या कह रहा था? तो मंटू ने बताया कि उससे भी वही बात कर रहा था

चीबू और मंटू भैया ने यह बात अपनी मम्मी लोगों को बताई तो उन लोगों ने बच्चों के सावधान रहने की बहुत तारीफ़ की और पापा लोगों ने पुलिस को बताया। वह आदमी पकड़ा गया. चीबू और मंटू भैया के सावधान रहने से, वो खुद और तमाम सारे बच्चे, खराब लोगों द्वारा पकडे जाने से बच गए.

अब तुम सब लोग चीबू और मंटू भैया की सावधानी और बहादुरी पर ताली बजाओ और हमेशा सावधान रहा करो


शरद कुमार  श्रीवास्तव






कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें