माँ दुर्गा के चरणों में मैं ,
अपना शीश झुकाती हूँ ।
करती हूँ मैं रोज सेवा ,
चरणों मैं शीश नवाती हूँ ।।
माँ दुर्गा के चरणों में मैं ,
अपना शीश झुकाती हूँ ।
करती हूँ मैं रोज सेवा ,
चरणों मैं शीश नवाती हूँ ।।
आशीर्वाद दे दो माता ,
मैं छोटी सी बालिका ।
रक्षा करो माँ मेरी तुम ,
बनकर के तुम कालिका।।
तुम ही दुर्गा तुम ही काली ,
तुम ही हो गौरी माता ।
मैं अज्ञानी बाला हूँ,
पूजा पाठ न मुझे आता ।
खड़े हुए हैं हाथ जोड़कर,
भक्त तुम्हारे दरबार में ।
आशीर्वाद दे दो माता ,
आये हैं तेरे द्वार में ।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला -कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
priyadewangan1997@gmail.Com
Priya ji aapne bahut achchi vandana likhi hai...
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