फागुन मास होली के साथ समाप्त हुआ । चैत्र के साथ चन्द्रमा की गति पर आधारित वर्ष की शुरुआत हो गई। चैत्रीय नवरात्र अर्थात बसन्त का मौसम आ गया जब न अधिक ठण्डी न अधिक गर्मी ही होती है। पेडों पर नये पत्ते नई कलिंयाँ आती है और उन पर मंडराती तितलियाँ भौंरे भी आ जाते हैं । खेतों मे गेंहू सरसों मनमोहक फसलें तैयार हो जाती हैं , पेड़ पर जामुन आम बौरों से भरे हुए हो जाते हैं यानि कि बसन्त के आगमन से सब खुश हो जाते है ।
बसन्त के आगमन पर चुनमुन भी बहुत खुश थी । उसका स्कूल खुलने वाला था उसके लिए उसके मम्मी पापा स्कूल की नयी यूनीफॉर्म कापी किताब सब लाए थे वैन वाला भी आ गया था कि पता चला पिछले साल जिस डाकू कोरोना ने सबको परेशान कर रखा था और जिसे सब लोग "भाग गया" सोंच रहे थे और मास्क का प्रयोग करना छोड दिए थे वह भरपूर ताकत और अपने नये साथियों के साथ आ गया है और फिर सबको धमका रहा है। स्कूल बन्द हो गए कहीं आना जाना भी बन्द हो गया । ऑनलाइन क्लास शुरू हो गईं है पम्मी को वह कभी कभी ऑनलाइन क्लास की हाजिरी के समय ही देख पा रही थी ।
पम्मी चुनमुन की पिछले दो साल से दोस्त थी । लंच के पीरियड मे लंच के बाद खूब खेलते थे कभी पकड़म पकड़ाई तो कभी कटिम कुट्टा खेलती थी। अब कभी कभी मम्मी के फोन से बातचीत हो जाती है। पिछले सप्ताह जब चुनमुन को पता चला कि पम्मी का जन्मदिन आनेवाला है तब उसने अपनी मम्मी से कहकर पम्मी को एक प्यारा सा उपहार भेज दिया था ।
अभी चुनमुन उसके बारे मे सोंच रही थी कि आज तो पम्मी का जन्मदिन है बस उसी समय मम्मी नेउसे फोन लाकर दिया फोन पर पम्मी की काल थी चुनमुन ने मोबाइल पर पम्मी को जन्मदिन की बधाई दी और खूब बातें कीं तभी चुनमुन की मम्मी एक प्लेट मे एक पेस्टरी चिप्स और एक रसगुल्ला रख कर दे गईं । इस तरह चुनमुन ने पम्मी घर बिना गये हुए ही पम्मी क जन्मदिन अपने घर पर ही मना लिया ।
शरद कुमार श्रीवास्तव
Bahut badhiya kahani...nanhi chunmun bshut hi pyari hai.
जवाब देंहटाएंVery nice story
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