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सोमवार, 26 सितंबर 2022

"बारिश की विदाई" प्रिया देवांगन प्रियू की रचना

 





बारिश की अब हुई विदाई।

ठंडी रानी घर-घर आई।।


कम्बल चादर और रजाई।

निकले अलमीरा से भाई।।


सूरज दादू जल्दी आना।

धूप साथ में अपने लाना।।


देह सभी सेकेंगे बच्चे।

हृष्ट पुष्ट अरु होंगे अच्छे।।


किट-किट सब के दाँत करेंगे।

ठंडे पानी सभी डरेंगे।।


आलस से तुम लो अँगड़ाई।

देखो ठंडी रानी आई।।




प्रिया देवांगन "प्रियू"

राजिम

जिला - गरियाबंद

छत्तीसगढ़


Priyadewangan1997@gmail.com



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