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गुरुवार, 16 मार्च 2017

भुवन बिष्ट की रचना : तितली आई (कविता )





तितली आई तितली आई,
रंग - बिरंगी  तितली आई,
फूल - फूल  पर  बैठ रही,
बगिया  सुंदर  महक  रही,
फूलों का  रस लेने को,
तितली रानी घूमने आई,
तितली आई तितली आई,
रंग - बिरंगी  तितली आई

कोई हरे बैंगनी नीले पीले
कोई सुंदर हैं कोई चमकीले,
घूम -घूम कर फूलों पर ,
बैठ रहे कभी देख रहे हैं,
सुंदर बगिया के हैं फूल,
तितली के मन को है भायी,
तितली आई तितली आई,
रंग - बिरंगी  तितली आई,...

तितली बनकर जैसे परियां,
बगिया में सब है पहुंच गयी,
कभी बैठती कभी हैं उड़ती,
कभी गाती हैं कभी इतराती,
तितली के आने से अब तो,
बगिया में  सुंदरता  छायी,
तितली आई तितली आई,
रंग - बिरंगी  तितली आई,....
   
         
भुवन बिष्ट
                रानीखेत (उत्तराखण्ड)

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