सच और झूठ
जब भी बोलो , सच ही बोलो,
झूठ कभी ना बोलो।
सच की होती जीत हमेषा,
झूठ सदा ही हारे।
सच्चे बच्चे लगते अच्छे,
प्यार सभी का पाते।
झूठे बच्चों से तो,
हर कोई दूर है भागे।
सच के आगे झुकते हैं सब,
झूठ कोई ना माने।
सच का ग्राहक है सारा जग,
झूठ कोई ना चाहे।
सच की नींव है जितनी पक्की,
झूठ की उतनी कच्ची।
इसीलिए -
जब भी बोलो, सच ही बोलो,
झूठ कभी ना बोलो।
मधु त्यागी
ओ- 458
जलवायु विहार
सैक्टर- 30
गुरुग्राम
Satyam vad
जवाब देंहटाएं