भूखा बंदर
छ्त से उतरा बंदर भूखा .
खाना था बस रूखा सूखा .
बंदर जी का दिल ललचाया .
खाना खूब दबा कर खाया
.
लगा तड़फने कोई आओ .
पेट दर्द की दवा दिलाओ .
डॉक्टर भालू भागा आया .
नब्ज देख उसको धमकाया .
पहले उल्टा पुल्टा खाते .
फिर तुम पेट पकड़ चिल्लाते .
उठो , अब खुद को संभालो .
आँखों में ये सुरमा डालो .
बंदर बोला यूँ हकलाते .
पेट....दर्द....की ..औषध..लाते .
भालू ने ये कह समझाया .
बीमारी का करूँ सफाया .
गर ठीक से देख पाओगे .
बासी भात नहीं खाओगे .
राजपाल सिंह गुलिया
राजकीय प्राथमिक पाठशाला भटेड़ा
तहसील व जिला - झज्जर ( हरियाणा )
पिन - 124108
मोबाइल # 9416272973
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