ब्लॉग आर्काइव

शनिवार, 6 मई 2017

शरद कुमार श्रीवास्तव का बालगीत :गर्मी आई




गर्मी आई

आई गर्मी भाईआई गर्मी
लू उड़ाती भाई आई गर्मी
ऐ सी कूलर चलते जाते
पंखे कभी न रुकने पाते
हर पल यहाँ पसीना आता
गरमी से है दिल घबराता
कैसा कहर मचाती आई
बड़ी भयानक गर्मी आई


नानू आप बेकार डरवाते
गर्मी का मजा नहीं उठाते

आइस क्रीम गर्मी मे खाते
कुल्फीमलाई गर्मी में खाते
खरबूजा आम गर्मी मे आता
तरबूज लीची हैं हमे लुभाता
किताबों से छुटकारा पाते
स्कूल भी तो बन्द हो जाते

शरद  कुमार  श्रीवास्तव 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें