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बुधवार, 6 सितंबर 2017

महेन्द्र देवांगन की रचना :खुशियाँ बाटो







चलो मनायें खुशियाँ प्यारे, सुख दुख सब बाँटे ।
दीन दुखियों को सहारा देकर, क्लेश उनका काटे ।
संकट में जो काम आये, वही सच्चा इंसान है ।
दुख में जो हाथ बटाये , मानव की पहचान है ।

व्यर्थ की बातें न करो , झगड़ा झंझट छोड़ो ।
गले लगाओ प्रेम से, मानव को मानव से जोड़ो।
चार दिन की जिंदगी है,  हंसकर जीना सीखो ।
काम कुछ ऐसा कर जाओ , इतिहास में नाम लिखो।

धन दौलत का घमंड तुम्हारा , काम नही आयेगा ।
माटी का जीवन है प्यारे , माटी में मिल जायेगा ।

                      महेन्द्र देवांगन माटी 
                      पंडरिया  (कवर्धा )
                      छत्तीसगढ़ 
                      8602407353

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