चलो मनायें खुशियाँ प्यारे, सुख दुख सब बाँटे ।
दीन दुखियों को सहारा देकर, क्लेश उनका काटे ।
संकट में जो काम आये, वही सच्चा इंसान है ।
व्यर्थ की बातें न करो , झगड़ा झंझट छोड़ो ।
गले लगाओ प्रेम से, मानव को मानव से जोड़ो।
चार दिन की जिंदगी है, हंसकर जीना सीखो ।
धन दौलत का घमंड तुम्हारा , काम नही आयेगा ।
माटी का जीवन है प्यारे , माटी में मिल जायेगा ।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कवर्धा )
छत्तीसगढ़
8602407353
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