माँ-पापा आप एक आस हो
श्वास(साँस)हो,जन्म से मिला जो वो
अनमोल उपहार हो।
नदी की धार हो,वर्षा की बौछार हो;जो नन्हे -नन्हे जीवों मे
भर उमंग और तरंग जीवन के हर
दौर में तैरना सिखाते है।
उँगली थाम चलने से ले
समय की रफ्तार संग दौड़ लगाना
सिखलाते हैं।
माँ-पापा आप एक आस हो श्वास हो, जन्म से मिला जो वो अनमोल उपहार हो।
जिंदगी में मिले चाहे कितने भी रिश्ते मगर God के बाद बस आप ही इस धरा के पालनहार हो।
माँ -पाप आप एक आस हो श्वास हो जन्म से मिला जो वो अनमोल उपहार हो।
अंजू जैन गुप्ता
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