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सोमवार, 6 अप्रैल 2020

याद आ रही नानी : प्रभु दयालु श्रीवास्तव



लिए बाल्टी रस्सी ,बिल्ली,
पहुँची भरने पानी।
देखा झाँक कुएँ  में तो था,
बचा जरा सा पानी।

        नहीं बाल्टी डूबी जल में,
        एक बूँद न आई।
        बिल्ली ने कूएँ के भीतर,
        एक छलाँग लगाई।

खूब पिया बैठे- बैठे ही,
ठंडा -ठंठा पानी।
अब बाहर वह कैसे निकले,
याद आ रही नानी।





                         प्रभूदयाल श्रीवास्तव
  
     १२ शिवम सुंदरम नगर छिंदवाड़ा म प्र
                             

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