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गुरुवार, 25 जून 2020

चिड़िया रानी : वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी की रचना









 
चिड़िया रानी  दावत खाने
मिलकर     साथ     चलेंगे
काली  कोयल   का न्योता
दिल   से  स्वीकार   करेंगे।
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वहाँ   मिलेंगे  तोता - मैना
बत्तख      और     कबूतर 
डैक  बजेगा  डांस   करेंगे
सारे    उछल -उछल   कर
मोटी  मुर्गी   के  बतलाओ
कैसे          पैर       हिलेंगे।
चिड़िया रानी-------------

मोर सजीले  पंख खोलकर
सुंदर       डांस       करेगा
पूरे मन  से  दौड़ - दौड़कर
सबमें       जोश      भरेगा
चलो हाथ में हाथ डालकर
हम     भी    तो    मटकेंगे।
चिड़िया रानी-------------

चिड़िया बोली  नहीं जानते
कोरोना      फैला          है
दूरी   रखकर  बातें  करना
नहले     पर     दहला    है
दोनों  हाथों को  साबुन  से
मल-मल      कर    धोएंगे।
चिड़िया रानी-------------

कौए राजा  काँव-काँव कर
सबसे        ही        बोलेंगे
दूध,  जलेबी  और  मिठाई
के       ढक्कन      खोलेंगे
लेकिन  हमतो  ठंडाई  को
बाय    -    बाय     बोलेंगे।
चिड़िया रानी-------------

समय कीमती होता है यह
समझो    चिड़िया     रानी
जो भी करना है कर डालो
ओढ़ो        चूनर      धानी
समय बीतने पर दावत  में
बोलो       क्या       पाएंगे।
चिड़िया रानी-------------

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                 वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी
                     मुरादाबाद/उ,प्र,
                     9719275453
               दि0 -16/06/2020

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