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शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020

गौ माता : प्रिया देवांगन प्रियू की रचना




छन्न पकैया छन्न पकैया , सबको लगती प्यारी।
रहती है घर के आँगन में , होती सबसे न्यारी।।

छन्न पकैया छन्न पकैया , गौ माता कहलाती।
साथ साथ दोनो ही रहकर , अपना मन बहलाती।।

छन्न पकैया छन्न पकैया , हरे घास को खाती।
दूध दही वह सबको देती , खुशियाँ भी फैलाती।।

छन्न पकैया छन्न पकैया , लाली भूरी होती।
दिन भर विचरण करती वन में , गौशाला में सोती।।

छन्न पकैया छन्न पकैया , कभी साथ ना छूटे।
माँ की ममता होती प्यारी , प्यार सदा ही लूटे।।






प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला- कबीरधाम
छत्तीसगढ़

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