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बुधवार, 26 अगस्त 2020

नमन और गाजर का रहस्य " अंजू जैन गुप्ता की बालकथा





नमन इस बार गरमी  की छुट्टियों में अपने  नाना नानी के घर पालनघर गया ।वहाँ पर उसकी नानी के  बड़े बड़े खेत थे। नमन भागकर नानी की गोद में जाकर बैठ जाता है और कहता है ,"कि नानी नानी  मैं आ गया।" नानी उसे देख कर खुश हो जाती है और पूछती है कि अरे !नमन बेटा तुम  क्या  अकेले आए हो ? तभी पीछे से नमन की माँ कहती है  ,"नहीं, माँ ये  तो  मेरे  साथ  आया है।" नमन के नाना- नानी  उन दोनों को देख कर खुश हो जाते है।
और तभी अंदर से नमन की मामी उनके लिए कुछ नाश्ता लेकर आती है। अब नमन नाश्ता करते ही नानी के पीछे पड़ जाता है और कहता है," कि नानी नानी मुझे भी खेत दिखाओ न खेत कैसे होते हैं?"तब नानी कहती है कि अच्छा चलो बेटा।
नमन खेत में फल और सब्जियाँ लगी देख कर बहुत खुश हो जाता है। तभी नानी कहती है," कि बेटा मैं तो थक गई  हूँ अब तुम जाओ और कुछ  गाजर, टमाटर और  बैंगन तोड़ कर ले आओ, शाम को तुम्हारी  मामी  पका लेगी।"नमन नानी की बात सुनते ही दौड़ पड़ता है और कुछ देर बाद आकर कहता है ,"नानी ये लो टमाटर और बैंगन "।तभी नानी

 पूछती है," कि बेटा गाजर कहाँ हैं?",गाजर तो तुम लाए ही नहीं तभी नमन बोल पडता है ,"कि नानी आप भी  न कैसी बात करते हो? ,गाजर का पेड़ तो  आपने  लगाया ही नहीं  है और मुझे कह रहे हो  कि गाजर लाओ।नानी कहाँ से लाऊँ?"
    नानी हँसते हुए कहती  है ,"कि बेटा गाजर का पेड़ नही होता है वह तो जमीन के नीचे  जड़ों में  लगती है, चलो मैं तुम्हें दिखाती हूँ।" नानी जमीन की मिटटी  खोदती है और नीचे जड़ों से गाजर निकल आती है ,ये देखकर नमन चिल्लाता है ,

"नानी ये तो  जादू है।  वाह! कितनी अच्छी है गाजर लाओ, मुझे दे -दो मैं इसे खा लेता हूँ।" नानी कहती है ,"कि नहीं बेटा घर जाकर इसे धोएँगे और फिर खाएंगे।"
नानी  कहती है," कि बेटा इसमें तो  विटामिन-A सबसे अधिक होता है, जिससे हमारी आँखों की रोशनी बढती है और आँखे  स्वस्थ  रहतीं हैं "।और फिर दोनों घर के लिये चल पड़ते हैं।



     


















  अंजू जैन गुप्ता

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