ब्लॉग आर्काइव

बुधवार, 26 अगस्त 2020

क्यों तोते को कैद किया है : वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी की बाल रचना






     

         

क्यों तोते को  कैद किया है?
बोलो -  बोलो    बुआ    जी,
क्योंइसको ये सजा मिली है?
बोलो - बोलो    बुआ    जी।
          ---------------
तार  पकड़ कर ऊपर  नींचे,
गिरता   चढ़ता   रहता     है,
कब इससे  बाहर  निकलूंगा,
यही    सोचता    रहता    है,
कब  इसको आज़ाद करोगी,
बोलो  -  बोलो     बुआ  जी।

बिखर  गया  है  रोटी  दाना,
पानी     नहीं    कटोरी    में,
हरी मिर्च  भी सूख  चुकी है,
भूखा    है    मजबूरी      में,
किसने  पूछा  भूख लगी  है,
बोलो  -  बोलो   बुआ   जी।

उड़ते  सब तोतों  से कहता,
मैं   हूँ   बेबस     बंद   पड़ा,
तुम ही आकर के बतलाओ,
कैसे    काटूं     फंद    बड़ा,
बुरा नहीं लगता क्या तुमको?
बोलो  -  बोलो    बुआ   जी।

आज़ादी   सबको  भाती  है,
तुमको   भी    भाती    होगी,
क्या तोते  को  ही आजीवन,
सजा    रास   आती    होगी,
कब  इसपर उपकार करोगी,
बोलो  - बोलो     बुआ   जी।

बढ़  करके  दरवाजा   खोला,
पिंजड़े    से    आजाद   करो,
खुशी - खुशी अम्बर में  उड़ने,
जीवन   को    आबाद    करो,
फिर कब  अत्याचार   करोगी,
बोलो  -  बोलो     बुआ    जी।

     

                 वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी
                    मुरादाबाद/उ,प्र,
                मो0-9719275453
        दिनांक-    18/08/2020

1 टिप्पणी: