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शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2020

बापू के बन्दर (रोला छंद) : प्रिया देवांगन प्रियू की रचना






बापू बन्दर तीन , बहुत ही धूम मचाते।

उछले कूदे रोज , नाच को सभी नचाते।।


बुरा न देखो आप , सदा सबको बतलाते।

कैसे बढ़े समाज , हमें वे राह दिखाते।।


सुन लो बच्चों बात , झूठ तुम कभी न कहना।

बुरा कभी ना सोंच , सभी से मिलकर रहना।।


बुरा न बोलो आप , सभी को यही सिखाते।

बापू बन्दर तीन , सदा ही राह दिखाते।।


बुरा कभी ना बोल , हमेशा यही सिखाते।

मानो मिलकर बात , सभी को बात बताते।।


बाढ़े अत्याचार , देश को कौन बचाये।

बेटी हुई निराश , कौन अब इसे मनाये।।


बापू बन्दर मौन , रोज चलती अब आँधी।

बुरे यहाँ हालात , सिसक कर रोये गाँधी।।





प्रिया देवांगन "प्रियू"

पंडरिया

जिला - कबीरधाम

छत्तीसगढ़

Priyadewangan1997@gmail.com

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